
हमारी सेवाएं
संत सेवा और गौशाला का संबंध सिर्फ गायों की देखभाल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज, धर्म और प्रकृति के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है। संतों के माध्यम से गौशालाएं आध्यात्मिक और सामाजिक जागृति का केंद्र बनती हैं। गौ सेवा को संत सेवा का विस्तार मानकर समाज में दया, करुणा और सेवा की भावना का प्रसार किया जाता है।

संत सेवा
संत सेवा और गौशाला का संबंध गायों की देखभाल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज, धर्म और प्रकृति के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है। संतों के माध्यम से गौशालाएं आध्यात्मिक और सामाजिक जागृति का केंद्र बनती हैं। गौ सेवा को संत सेवा का विस्तार मानकर समाज में दया, करुणा और सेवा भावना का प्रसार किया जाता है।
परम पूज्य महाराजश्री ने संतों को ईश्वर का प्रतिनिधि माना है तथा उनकी सेवा को आध्यात्मिक उन्नति का महत्वपूर्ण साधन माना है। यह सेवा केवल भौतिक सहायता तक सीमित नहीं है, अपितु इसमें संतों के प्रति श्रद्धा, विनम्रता तथा आध्यात्मिक पवित्रता के साथ की जाने वाली सेवा भी सम्मिलित है।
इस संबंध में प्रतिदिन आने वाले सभी संतों को आश्रय एवं निःशुल्क भोजन की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है तथा विशेष पर्वों पर भोजन, वस्त्र, दैनिक उपयोगी वस्तुएं, चिकित्सा सुविधा आदि भी उपलब्ध कराई जाती है।